शुक्रवार, 14 नवंबर 2008

खाक न हो खाकी की इज्ज़त..


खाक न हो खाकी की इज्ज़त
पियो न खादी की हाला

मित्र , न समझो पद कुर्सी को
मनमोहक साकी - बाला

देशभक्ति जब बने सुरा औ '
देश बने जब मदिरालय

तब, खाकी खादी को मधु से
तृप्त करेगी मधुशाला


---अरविंद पाण्डेय